क्षुब्ध हो गया जयचंद इतना, जा गोरी से हाथ मिला बैठा जाने क्या अहं में क्या वो कर बैठा क्षुब्ध हो गया जयचंद इतना, जा गोरी से हाथ मिला बैठा जाने क्या अहं में क्या व...