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युद्धभूमि
Poems
Sakshi Yadav
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Tragedy
आखिरी वक्त का मेरा पैग़ाम
काश! तुमने एक बार तो अपने उसूलों को दफ़नाया होता
काश! तुमने एक बार तो अपने उसूलों को दफ़नाया होता
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Tragedy
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