मैं अकिंचन इतना जानूं प्रीत ही अरदास है आ मिलूंगा एक दिन मन मे अटल विश्वास है। मैं अकिंचन इतना जानूं प्रीत ही अरदास है आ मिलूंगा एक दिन मन मे अटल विश्वास ह...
तो मुझे अपनी ज़िंदगी का सबकुछ उन्हीं पलों में मिल गया था। तो मुझे अपनी ज़िंदगी का सबकुछ उन्हीं पलों में मिल गया था।