अनबूझ विचित्र सी चुप्पी, अक्सर बहुत सताती है! अनबूझ विचित्र सी चुप्पी, अक्सर बहुत सताती है!
मजबूर हूँ थोड़ा मगर मैं मगरूर नहीं हूँ। मजबूर हूँ थोड़ा मगर मैं मगरूर नहीं हूँ।