क्यों चले गए मेरे बाबुल, आज भी मेरी आँखे रोती हैं किससे कहूँ दुःख अपने, एक दामन को तरसती हैं ! क्यों चले गए मेरे बाबुल, आज भी मेरी आँखे रोती हैं किससे कहूँ दुःख अपने, एक द...
मगर उस हैवान को बिट्टी में अपनी हसरत नजर आने लगी. मगर उस हैवान को बिट्टी में अपनी हसरत नजर आने लगी.