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यही निभाता धर्म, भले दारुण दुख सह ले, नहीं कर्म निष्काम, मिले फल कैसे पहले यही निभाता धर्म, भले दारुण दुख सह ले, नहीं कर्म निष्काम, मिले फल कैसे पहले