धर्म से बढ़कर कर्म को मानो, ख़ुद की असलियत को जानो। सहिष्णु, अहिष्णु,तेरा,मेरा,हिन्दू,मुस्लिम,ये सब बा... धर्म से बढ़कर कर्म को मानो, ख़ुद की असलियत को जानो। सहिष्णु, अहिष्णु,तेरा,मेरा,हिन...
वनिता श्रद्धा का विशद रुप, सत्संग सुधा सा तत्व ज्ञान। वनिता श्रद्धा का विशद रुप, सत्संग सुधा सा तत्व ज्ञान।