कितने देवदार,चिनार,अमलतास बड़े हुए जिसके बचपन के साथ साथ जिसकी आँखों ने नहीं देखे कटते पेड़ रोक कर सड़ा... कितने देवदार,चिनार,अमलतास बड़े हुए जिसके बचपन के साथ साथ जिसकी आँखों ने नहीं देखे...
डूबने का भय कभी है तो कभी है नाव भी है कभी ढलती पहाड़ी और है चढ़ाव भी। डूबने का भय कभी है तो कभी है नाव भी है कभी ढलती पहाड़ी और है चढ़ाव भी।