नहीं-नहीं की भाषा तुम्हारी, आज-अभी-यही की मेरी बातें, रोज़ टकराये, रोज़ मिल ही जाएं, नहीं-नहीं की भाषा तुम्हारी, आज-अभी-यही की मेरी बातें, रोज़ टकराये, रोज़ मि...
एक कठिन समय की शुरूआत हुई थी 1757 में, हार गया सिराज-उद-दौलह, जो युद्ध हुआ पलासी में। एक कठिन समय की शुरूआत हुई थी 1757 में, हार गया सिराज-उद-दौलह, जो युद्ध हुआ पल...
इंसानियत से बढ़कर न प्रेम यहाँ कुछ भी थाम लो पाँव अपने जरूरत जहाँ इंसा की इंसानियत से बढ़कर न प्रेम यहाँ कुछ भी थाम लो पाँव अपने जरूरत जहाँ इंसा की