वही है अब तेरा ठिकाना है बहुत लुभावना जा पंछी उड़ जा गगन में कुछ नहीं धरा है इस धरा वही है अब तेरा ठिकाना है बहुत लुभावना जा पंछी उड़ जा गगन में कुछ नहीं धरा ...
आह जीवन वाह जीवन क्यों बदलता रंग काश। आह जीवन वाह जीवन क्यों बदलता रंग काश।