न बाँधों इनके पंखों को, अपनी संकीर्ण मानसिकता से, तुम्हारी शर्म नहीं, तुम्हारा नाज़ बनेगी ये बेटियाँ... न बाँधों इनके पंखों को, अपनी संकीर्ण मानसिकता से, तुम्हारी शर्म नहीं, तुम्हारा न...
बच्चों तुम्हारी सफलता पर नाज़ है तुमने भाऱतीय संस्कृति का सम्मान बढ़ा दिया। बच्चों तुम्हारी सफलता पर नाज़ है तुमने भाऱतीय संस्कृति का सम्मान बढ़ा दिया।
भारत माता की आजादी के लिए, उन्होंने ओखली में सिर दे दिया था। भारत माता की आजादी के लिए, उन्होंने ओखली में सिर दे दिया था।