मोहब्बत है या नफरत कुछ तो बदला दो। मोहब्बत है या नफरत कुछ तो बदला दो।
मधम से बयां करते ख़ामोश सलीके हैं, नर्म अंदाज़ हैं ये। मधम से बयां करते ख़ामोश सलीके हैं, नर्म अंदाज़ हैं ये।