है ज्ञान गंगा मधु की धारा, अश्रु से आंचल गीला है क्यों व्योम शांत और शीतल सा, धरती सा सबकुछ सहा करो है ज्ञान गंगा मधु की धारा, अश्रु से आंचल गीला है क्यों व्योम शांत और शीतल सा, ध...