हर दुःख के वक्त खड़े रहती है बस अन्त तक अपने बच्चे को चाहती है। हम कहते हैं माँ। हर दुःख के वक्त खड़े रहती है बस अन्त तक अपने बच्चे को चाहती है। हम कहते है...
अपने घरों में ही नहीं समाज और देश दुनिया में भी सम्मानित हूं अपने घरों में ही नहीं समाज और देश दुनिया में भी सम्मानित हूं