इंसान हूॅं पढ़ा-लिखा हूॅं इसीलिए कुछ अलग सोच सकता हूँ आम आदमी की सोच से अलग कुछ हटकर कागज़-कलम ... इंसान हूॅं पढ़ा-लिखा हूॅं इसीलिए कुछ अलग सोच सकता हूँ आम आदमी की सोच से अलग ...