उस दिन के बाद कुछ ना रहा मैं तो मैं हूं, मैं नहीं रहा मुझ में। उस दिन के बाद कुछ ना रहा मैं तो मैं हूं, मैं नहीं रहा मुझ में।
एक ऐसी भाषा जो हम लोग बिना हिचकिचाए, कभी भी कहीं भी बोल जाएं! एक ऐसी भाषा जो हम लोग बिना हिचकिचाए, कभी भी कहीं भी बोल जाएं!