उतना ही लेना साहिब जितना तुम खा सको क्योंकि गरीब का बच्चा भी खाने को तरस रहा उतना ही लेना साहिब जितना तुम खा सको क्योंकि गरीब का बच्चा भी खाने को तरस रहा