न सूझे है कोई किनारा, आकर तीर दिखा जाओ। न सूझे है कोई किनारा, आकर तीर दिखा जाओ।
अब वह स्वयं मुख्तार है, अपने जीवन नौका की वह खुद खेवनहार है। अब वह स्वयं मुख्तार है, अपने जीवन नौका की वह खुद खेवनहार है।