खुशमिजाजी तेरे मन का मूल है, स्वार्थ की इस पर जमीं क्यों धूल है, रोते के लब पर हंसी खुशमिजाजी तेरे मन का मूल है, स्वार्थ की इस पर जमीं क्यों धूल है, रोते के ल...
वो एक पल जब संजीदगी किसी को अपना ठिकाना चुनती है, वो एक पल जब संजीदगी किसी को अपना ठिकाना चुनती है,