ए दिल-ए-नादान कितने अरमान और वो जरूर मिलेंगे तुझसे। ए दिल-ए-नादान कितने अरमान और वो जरूर मिलेंगे तुझसे।
बस उसकी यादें ही है, जो वजह है जिंदा रहने की। बस उसकी यादें ही है, जो वजह है जिंदा रहने की।