शाम ढले चाँद से मुलाकात जो यूँ हो जाती है, दबी हुई आकांक्षाएँ फिर से जाग उठती है, शाम ढले चाँद से मुलाकात जो यूँ हो जाती है, दबी हुई आकांक्षाएँ फिर से जाग उठती...