पैसे के लिए प्यार का न करो नीलाम, परिवार के आगे स्वर्ग सुख भी है कम। पैसे के लिए प्यार का न करो नीलाम, परिवार के आगे स्वर्ग सुख भी है कम।
इस बारिश में फिर से तू लेके फिर वो तान वही चल दे वो नाव मेरी कहीं पत्थर बन जाये नहीं। इस बारिश में फिर से तू लेके फिर वो तान वही चल दे वो नाव मेरी कहीं पत्थर बन जा...
प्राणभूमि हो जायेगी तब सिंचिंत इस ओर से गुजर जब वो मिलेगें। प्राणभूमि हो जायेगी तब सिंचिंत इस ओर से गुजर जब वो मिलेगें।