चल थोड़ा और दम लगाते हैं.. चल बुलन्दियों को झुकाते हैं.. चल थोड़ा और दम लगाते हैं.. चल बुलन्दियों को झुकाते हैं..
फूलों की बात निकलेगी तो कांटों का ज़िक्र भी आयेगा। फूलों की बात निकलेगी तो कांटों का ज़िक्र भी आयेगा।