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डॉ गुलाब चंद पटेल

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डॉ गुलाब चंद पटेल

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वसंत का स्वागत गीत

वसंत का स्वागत गीत

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ढोल बजे संगीत बजे दायी और बायी

वसंत ऋतु का आज स्वागत है किया 


जंगल जंगल में सुन्दर फूल हे खिले, 

उसकी तो आज ऊंची कीमत मिले 


प्रदेश प्रदेश स्वागत होता है उसका

वैशाखी गीत गाकर मानते हैं उत्सव उसीका 


वृक्षो ने पान खर की कठिनाई हे झेला 

उसी लिए आज वसंत हे देश में खिला 


आज वसंती पवन मे फूल लहराते 

पूरे देश में वसंती गीत भी गवाते 


वृक्ष वृक्ष पर हे पुष्पों की छाया 

मैंने भी वसंती गीत दिल से हे गाया 


वन वन में हे वसंत का सुंदर वैभव 

पुष्पों का आज लगता है उम्दा शैशव 


वन जंगल में आम और इमली 

केसी सुन्दर वसंत ऋतु हे खिली 


शेरी शेरी, गली गली में ढोल बजा ओ 

कवि ओ के पास वसंती गीत लिखा ओ 


फूल चाहे हो कमल या फिर गुलाब 

उसकी महक का है मस्त मस्त रुआब।


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