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नमस्कार भारत नमस्ते@ संजीव कुमार मुर्मू

Others

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नमस्कार भारत नमस्ते@ संजीव कुमार मुर्मू

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वैवाहिक जीवन और बलात%

वैवाहिक जीवन और बलात%

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मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


स्त्री अधिकार विमर्श केंद्र

उदार देश एक तरफ

तीन तलाक हलाला 

पुरुष एकाधिकार कुप्रथाएं


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


वही मैरिटल रेप

दमन स्त्री अधिकार

सामाजिक विदरुपता कुरूपता

पुरुष एकाधिकार की गंध

समर्पण त्याग दया ममता

प्रतिमूर्ति कहड्ड न्याय


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


स्त्री पुरुष अर्धनारीईश्वर

दोनो बिना अस्तित्व कहा

लिव इन रिलेशनशिप

गैर सामाजिक संस्थाएं

वैवाहिक जीवन साथी

सहमति असहमति द्वंद


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


विवाह जीवन पहली सहमति

स्त्री पुरुष संस्थागत समझौते

दैहिक संतुष्टि प्राकृतिक

शाश्वत एक सत्य

सृष्टि संरचना अनूठा संसार

प्राकृतिक अधिकार स्त्री

उतना ही पुरुष प्रधान


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


विवादों को करे खारिज

जीवन सरंचना शाश्वत सत्य

प्राकृतिक सत्य ना नकारे

स्त्री अधिकार विमर्श 

ना हो विश्लेषित


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


बहस कितनी जायज

निजी आजादी की आड़

उन्मुक्त सहवास संस्कृति

वैवाहिक जीवन नींव

बलात% घोषित अपराध 

वैवाहिक संस्थाएं पड़े खतरे


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


सामाजिक समस्याएं कई

बलात% को ले तमाम कानून

बलात% घिनौने कृत्य 

ना लग सका प्रतिबंध


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


विवाह ना कोई कॉन्ट्रैक्ट

जीवन जीना एक पद्धति

जीवन सबकुछ यौन संतुष्टि नहीं

ये भी है सरासर गलत

यौन संतुष्टि जीवन आनन्द

सृष्टि का सर्जक


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


हो स्त्री अधिकार की रक्षा

कुलीन संस्कारिक जीवन

सहमति असहमति 

बात पैदा ही ना हो


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


जीवन पहिया तमाम मोड़

यौन संतुष्टि वैवाहिक संस्था गौण

और प्रथम आता परिवार 


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


सर्वोच्च संस्था सिर्फ कानून 

सहमति संतुष्टि नहीं लाता

वैवाहिक जीवन सफलता

संतानोंउत्पति संतान सुख

विभिन बाते जीवन आयाम


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


यौन संतुष्टि स्त्री पुरुष 

सुखमय जीवन

पारिवारिकता का परिपथ


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति


विवाह पवित्र संस्था

पारिवारिक जीवन प्रवेश द्वार

परिवार नामक संस्था बदल

होता देश समाज निर्माण


मैरिटल रेप शब्द नहीं

वैवाहिक जीवन और 

बलात% शब्द का

ना औचित्य ना ही उचित

विवाह जीवन पहली सहमति।



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