वास्तव
वास्तव
शुक्र है खुदा का
शुक्र है खुदा का
कि जहाँ मुसीबत है
वहाँ हल भी है
वरना इस जहाँ मे
मुसीबते क्या कुछ कम है।
शुक्र है खुदा का
शुक्र है खुदा का
कि जहाँ दर्द है
वहाँ दवा भी है
वरना इस जहाँ में
दर्द क्या कुछ कम है।
शुक्र है खुदा का
शुक्र है खुदा का
कि जहाँ दुःख है
वहाँ खुशियाँ भी है
वरना इस जहाँ मे
दुःख क्या कुछ कम है।
शुक्र है खुदा का
शुक्र है खुदा का
कि जहाँ बुराई है
वहाँ अच्छाई भी है
वरना इस जहाँ मे
बुराई क्या कुछ कम है।
शुक्र है खुदा का
शुक्र है खुदा का
कि जहाँ दुःशासन है
वहाँ कृष्ण भी है
वरना इस जहाँ में
दुःशासन क्या कुछ कम है।
शुक्र है खुदा का
शुक्र है खुदा का
कि जहाँ नफरत है
वहाँ अपनापन भी है
वरना इस जहाँ में
नफरत क्या कुछ कम है।
शुक्र है खुदा का
शुक्र है खुदा का
कि जहाँ हर तरफ हैवानियत है
वहाँ अभी भी इंसानियत जिंदा है
वरना इस जहाँ मे हैवानियत क्या कुछ कम है।