STORYMIRROR

Anshul Jain

Others

3  

Anshul Jain

Others

उम्मीदों के पुल मत तोडो

उम्मीदों के पुल मत तोडो

1 min
13.9K


उम्मीदों के पुल मत तोडो
आशा से आकाश टिका है
अहसासों का नया सबेरा आज नही तो कल बिखरेगा
अधरों की प्यासी धरती पर मधुरित गंगाजल बिखरेगा
छोटे से जीवन में महको बनकर अपनेपन की भाषा
हर अनुभव है यहाँ गोपिका, बोलो मनमोहन की भाषा
तंत्र मंत्र का कब सफल हुआ है 
मन की निर्मलता के आगे 
सफल तपस्या होगी तब,जब मन मे नेह धवल बिखरेगा 
अधरों की प्यासी धरती पर मधुरित गंगाजल बिखरेगा
कर्म कलंकित मत होने दो, धीरज धारण करो हृदय पर 
खुद को राम समझकर नज़रें करो स्यमं के देवालय पर 
गिनती की सासें मिलती हैं 
है परिणाम कर्म पर निर्भर 
इन साँसों को यदि विवेक से जियें तो पुण्य प्रवल बिखरेगा 
अधरों की प्यासी धरती पर मधुरित गंगाजल बिखरेगा
भाषा के अपने प्रयोग हैं, भावों की अभिव्यक्ति अलग है 
खुद की कस्तूरी खुद में पर जंगल जंगल भटका मृग है 
अर्घ्य आरती जता न पाते 
कैसे भावुकता है मन में 
ईश्वर तो कहता है खुद में डूब वहीं सन्दल बिखरेगा
अधरों की प्यासी धरती पर मधुरित गंगाजल बिखरेगा

 


Rate this content
Log in