उम्मीद
उम्मीद
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भीड़ भरी इन राहों में,
कहीं तो मुकाम होगा अपना भी।
दूर तक फैला हुआ ये आसमाँ,
कभी तो होगा अपना भी।
एक सुकुन भरा ठहराव,
कहीं ना कहीं होगा अपना भी।
जिंदगी की राहों में,
परेशानियाँ आए चाहे जितनी,
पर भरोसा है जिंदगी से,
कि खुल कर मुस्कुराने का
दौर आएगा अपना भी।