तू जान ले अब
तू जान ले अब
तेरे आवाज़ की कोई कदर नहीं
तेरे बात की कोई औकात नहीं
यही सच,यही सच ,यही सच है
तू जान ले अब
तेरे अकेले बोलने का कोई
मतलब नहीं, मतलब नहीं
तू जान ले अब
वो सब जानते है
तेरी रग -रग से वाक़िफ़ है वो
तेरे अंदर है क्या धर्म,जात
औरत -मर्द
के नफरत को अच्छे से
पहचानते है
इसलिए वो खेलते है
अपने भाषण से छलते है
तू जान ले अब
तू सोचता नहीं
देश के बजे बारह क्यों है
तेरा पेट भरा है, बैंक में
कुछ पैसा पड़ा है
इसलिए तू सोचता नहीं है
उनकी बातें और काम को
तोलता नहीं है
तू इंसान नहीं, बस एक वोट है
तू जान ले अब
तेरे अकेला होना मतलब नहीं
तू एक से ग्यारह हो जा
तू इंसान नहीं, बस एक वोट है
तू जान ले अब