टूटता तारा और जादूगरनी
टूटता तारा और जादूगरनी
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देखो - देखो आज फिर एक तारा है टूटा !
नीले आसमान से आ रहा झिलमिलाता सान!
मांगो - मांगो अपनी इच्छाएं करता यह पूरी !
हर बच्चे हर बूढ़े की इच्छा की करता सम्मान !
एक बूढ़ी जादूगरनी भी कर रही है इच्छा !
अपने जादू से वह करती सब का भला !
आज टूटे तारे से बना रही एक जादू !
सबको खुश रख सब आपस में करें प्रेम !
ना हो किसी में द्वेष ना हो नफरत !
टूटा तारा भी यही चाहता रहे हर कोई मिल जुल कर !
जादूगरनी ने किया कमाल का जादू !
अब होगा संसार में वसुधैव कुटुंबकं !
