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Dr. Umesh Singh

Children Stories

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Dr. Umesh Singh

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सपनों का पेड़

सपनों का पेड़

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आओ हम लगाएं सपनों का एक पेड़! 

रोप दें उसको अपने मन - मंदिर में!! 

तैयार करें उसकी पौध को अरमानों से! 

खींचे उसको अपने -अपने इच्छाओं से!! 

वर्ष बीते ऋतु बीती बीते इच्छा का फल! 

पेड़ हो गया तैयार फल भी लगने लगे!! 

पेड़ में लगने लगे फल रुपए नोटों के! 

रुपए नोटों को हमने तोड़ा डालियों से!! 

भर गई टोकरियां हमारी रुपए नोटों से! 

अब होंगे सपने पूरे होंगे अरमान पूरे!!

काश ऐसा होता तो मिट जाती सारी गरीबी! 

फिर न किसी को खोना पड़ता रुपयों के अभाव में!! 

और किसी को भूखे पेट ना सोना पड़ता! 

तन ढकने को होता कपड़ा मन भी होता चंगा!! 


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