श्रमिक का जीवन
श्रमिक का जीवन
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श्रमिक जीवन की भी
क्या खूब कहानी है
तन पर न ढंग का कपड़ा
न पेट भर दाना-पानी है
श्रमिक जीवन की भी
क्या खूब कहानी है।
रोजी-रोटी के खातिर
निस दिन पलायन जारी है
दुखों से इनका गहरा नाता
खुशियां तो हुई बेगानी हैं
श्रमिक जीवन की भी
क्या खूब कहानी है।
हर मौसम की मार झेलता
पीड़ा सब हंसकर सहता
पर हार कभी न मानी है
श्रमिक जीवन की भी
क्या खूब कहानी है।