क़ालीन मख़मली मेरा आज राख़ हो गया तेरा मुलायम जिस्म जो शबिस्तां में आ गया! क़ालीन मख़मली मेरा आज राख़ हो गया तेरा मुलायम जिस्म जो शबिस्तां में आ गया!
चाँद, घटाएं, शब़नम, तारें ये शबिस्तां, तुम और मैं! चाँद, घटाएं, शब़नम, तारें ये शबिस्तां, तुम और मैं!