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Kshama Bhatt

Others

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Kshama Bhatt

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सड़क

सड़क

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दोपहर की प्रचंड धूप में,

ये सड़क राहें दिखाती है,

हर किसी को मंजिल तक पहुंचाती है

कोई थका हुआ यहां चलता है

किसी को मजबूरी चलाती है।


तीज त्योहारों में ये सड़क

जरिया बन जाती है

लोगो से मिलने का

हसी ठिठोली का

कोई खड़ा किसी का इंतजार करता है

तो कोई किसी को छोड़ता है

ये सड़क सबको एक दूसरे से जोड़ता है।


यही सड़क 

अंधेरा होने पर,

सबको डराने लगता है

हर जगह अंधकार नजर आता है,

खुद की परछाई से भी डर लगने लगता है।

यूं लगता है, अब बस सुरक्षित पहुंच जाए।


ये रास्ते राहें दिखाती है

मंजिल तक पहुंचाती है

सबका साथ देती है

सबको सबसे मिलाने का जरिया बन जाती है।


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