मैं पड़ा हूँ पड़ा ही रहता हूँ क्योंकि मैं अब पूरी तरह से बूढ़ा हो चुका हूँ। मैं पड़ा हूँ पड़ा ही रहता हूँ क्योंकि मैं अब पूरी तरह से बूढ़ा हो चुका हूँ।
कलम की स्याही जब कागज पर उतरती है वो दिल के रास्ते से होकर ही गुजराती होगी। कलम की स्याही जब कागज पर उतरती है वो दिल के रास्ते से होकर ही गुजराती होगी।