रेंगते प्राणी
रेंगते प्राणी
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रेंगते प्राणी को ग़ौर से देखा है कभी?
तुम्हारे नज़र से देखो तो वो तुम्हें
ज़िंदा मार डालेगा
पल मैं ही तुम उसे अपना शिकार
बना बहादुर बन जाते हो
मगर ज़रा झुक कर, ज़मीन पर लेट कर,
मोटे-मोटे चश्मे से देखो,
देख पाओगे एक कुदरत का करिश्मा,
तुमसे भी हसीन एक प्राणी,
जो शायद तुम्हारे ही घर के किसी कोने में
अपने परिवार के साथ रहता है,
जो शायद खाना बटोरने अपने घर
से बाहर निकला है,
जिसका इंतज़ार उसके घर पर
कोई कर रहा है
बदलो अपने नज़र को,
बदलो अपने फितरत को,
खोजो खूबसूरती अपने आस-पास
खोजो ज़िन्दगी अपने आस-पास
खोजो थोड़ा मोहब्बत अपने आस-पास,
अपने अंदर
शायद वो रेंगता प्राणी तुमसे
मोहब्बत करता हो!
शायद वो रेंगता प्राणी तुम्हें जनता ही न हो!
शायद वो रेंगता प्राणी अँधा हो!