राहत
राहत
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दरअसल
खुद को संभालने की
जद्दोजेहद है
आधी रात में रोना, आंसू बहाना
तुम क्या जानती नहीं
मेरी पीड़ा का
उत्तर हैं तुम्हारी
उँगलियों की छुअन, माँ!