फ़ुरसत के पल में, भीतर के अंधेरे से डर गया फ़ुरसत के पल में, भीतर के अंधेरे से डर गया
चलो कोई नहीं, कुछ दिन की है ये बात, कुछ तुम करो। चलो कोई नहीं, कुछ दिन की है ये बात, कुछ तुम करो।