STORYMIRROR

Gaurav Kumar

Others

3  

Gaurav Kumar

Others

प्यार या व्यापार

प्यार या व्यापार

1 min
260

मैंने कविताएं लिखी,

लोगों ने व्यापार कह दिया।

लोगों को कहना कुछ और था,

पर लोगों ने पैसों का प्यार कह दिया।

मैंने तो कुछ और पाने की चाह की थी,

लोगों को न जाने क्या लगा व्यापार कह दिया।


ऐसा भी नहीं था कि सभी ने ऐसा कहा,

कुछ लोगों ने वो प्यार भी दिया।

पर कुछ बातें ना दिल में कसक छोड़ जाते हैं,

जैसे वो कविता पर ही प्रश्न चिह्न लगा चले जाते हैं।

जिसको जो कहना था उन लोगों ने कह दिया,

खंजर तो वो शब्द थे जो दिल में चुभो दिया।


हमने कविताएँ लिखी,

लोगों ने व्यापार कह दिया।

लोगों को कहना कुछ और था,

पर लोगों ने पैसों का प्यार कह दिया।


                


Rate this content
Log in