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Vipul Borisa

Others

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Vipul Borisa

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पुराने दिन

पुराने दिन

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मेरे यार नहीं, मेरे शोख मर गए है।

वो त्यौहार, वो वक़्त वो पुराने दौर मर गए है।


जिंदगी की उलझनों में क्या कम मर रहे थे !

अब मोबाइल से थोड़ा और मर गए है।


अकेले हँसी निकलती है, तस्वीरों के लिये।

वो साथ मिलकर जो होते थे, वो शोर मर गए है।


मेरे यार नहीं, मेरे शौक मर गए है।

वो त्यौहार, वो वक़्त वो पुराने दौर मर गए है।



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