प्रतिबिम्ब
प्रतिबिम्ब
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सुना है
तुम
शीशों को तोड़ने का
शौक रखते हो
रूको ज़रा,
एक बात सुन जाओ,
चोट करने से पहले
अपने बिम्ब को जरा
ढक लेना।
क्योंकि सैकड़ों प्रतिबिम्ब में
बिखरे बिम्ब को
समेट न पाओगे
कदाचित, समेट भी लिया तो
दरारों को समतल कैसे कर
पाओगे?