बड़ों बड़ों का रक्षक कलियुग यहां लूट पाट सब चलता है। बड़ों बड़ों का रक्षक कलियुग यहां लूट पाट सब चलता है।
मेरे जज्बातों से खेलकर भी वो जश्न कोई मना न सके। मेरे जज्बातों से खेलकर भी वो जश्न कोई मना न सके।