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Jyotima Prakash

Others

5.0  

Jyotima Prakash

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पढ़ाई की मेज़

पढ़ाई की मेज़

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खिड़की से सटी एक पढ़ाई की मेज़

कभी मेरा कद उँचा करती तो कभी इतना परेशान करती

सुबह का नाश्ता भी कराती और शाम को चाय की चुस्की के साथ गरमा गरम पकोडे भी परोसती

माँ ढूढ़ते ढूढ़ते बस मेरी पढ़ाई की मेज़ साफ़ कर जाती

दूध की कुछ बूंदे मेज़ को गंदा करती 

फिर किताबों के बीच से मेरा गंभीर चेहरा झाँकता

वही मेज़ मेरी माँ की गोद बन जाती और क़िताबे उसका हाथ

नींद का ऐसा झोंका आता की सुनहरे सपनो के बीच एफ्फ़िल टॉवेर दिखने लगता

घंटी की किर किर आवाज़ होती और माँ फिर से सामने आ जाती सूजी का हलवा लेकर

भूगोल इतिहास अँग्रेज़ी की किताबें फिर से सज जाती

मेरी पढ़ाई की मेज़ मुझे बहुत सताती 

भटक जाने पर रास्ता दिखलाती


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