मोबाइल
मोबाइल
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रोटी कपडा और मकान
जीवन के लिये जरुरी है,
अब मोबाईल भी हो गया जरुरी।
पहले अपने घरों में था टेलीफोन,
एक जगह पे रहता था विराजमान।
तू जहां जहां होगा
मेरा साथ होगा कहकर
मोबाइल अब रहता है
साथ रात दिन।
वैसे जादू की छड़ी है मोबाइल
इसमें समायी है दुनिया सारी
रेडियो,कॅमेरा,घड़ी, गणनतंत्र,
स्पिकर,आंतरजाल, मेमरी
चीजें हमारी है इसमें सारी।
बहुत सारे काम हो रहे मोबाइल से
आ गयी दुनिया नजदीक मोबाइल से,
पर हो रहे हैं दूर अपनों से मोबाइल से।
