मनुष्य
मनुष्य
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तु तो है स्रष्टा कि सृष्टि
तुझमें है विचार दृष्टि
तेरे लिए हि संसार बना है
फिर भी तु गुमसुम खड़ा है
तु तो है सारे संसार का कर्त्ता
क्यों बना है संहारकर्त्ता
सामने तेरे तो प्रकृति रो रही है
फिर भी तु गुमसुम खड़ा है
तु तो है पिता माता और संतान
जीवन तेरा है सबसे महान
ना रह तु यों गुमसुम
कुछ कर हरपल हरदम
ना डर आगे तु बढ़ा कदम
सच्चा बन कर अच्छा करम
