महफ़िल में सब हँसते गाते रहते हैं
महफ़िल में सब हँसते गाते रहते हैं
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तोड़ के इस को बरसों रोना होता है
दिल शीशे का एक खिलौना होता है
महफ़िल में सब हँसते-गाते रहते हैं
तन्हाई में रोना-धोना होता है
कोई जहाँ से रोज़ पुकारा करता है
हर दिल में इक ऐसा कोना होता है
बेमतलब की चालाकी हम करते हैं
हो जाता है, जो भी होना होता है
दो पल की शोहरत में भूले जाते हो
जो पाया है उस को खोना होता है
सुनता हूँ उन को भी नींद नहीं आती
जिन के घर में चांदी, सोना होता है
दुनिया हासिल करने वालों से पूछो
इस चक्कर में क्या-क्या खोना होता है
ख़ुद ही अपनी शाखें काट रहे हैं हम
क्या बस्ती में जादू-टोना होता है
काँटे-वांटे चुभते रहते हैं आलम
लेकिन हम को फूल पिरोना होता है
