मेरे नये क़लम का आगाज़
मेरे नये क़लम का आगाज़
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नये कोरे कागज़ पे, नई पंक्तियों का होगा साज़।
नई कल्पनाओं से भरा होगा हर एक नया अल्फाज़।
नये ख्वाबों से लिखे हुए नज़्म का होगा नया अंदाज़।
सोच की नई परिभाषा से होगा मेरे नये क़लम का आगाज़।
