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Sanjeet Kumar

Others

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Sanjeet Kumar

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मैं हूं, बेचैन माँ

मैं हूं, बेचैन माँ

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तेरी गोद में रोने को हूँ, बेचैन माँ

तेरी गोद में सोने को हूँ, बेचैन माँ

दुनिया में लगे इस रंग-बिरंगे मेले में

मैं बस रह गया हूँ अकेला

सब कुछ मिला, मुझे यहाँ पे

पर मंज़िल पे आके हो गया हूँ, अकेला

अब याद आती है, तेरी बातें

वो लोरियों की रातें

मैं खोजता रहता हूँ, अंधेरे में तेरी आवाज माँ

तेरी गोद में रोने को हूँ, बेचैन माँ

तेरी गोद में सोने को हूँ, बेचैन माँ

मेरे सर पे थे, लाखों हाथ

पर मतलबी था, हर हाथ

अब समझ में आया, ये

तो खोजता हूँ, तेरा हाथ

तेरी गोद में रोने को हूँ, बेचैन माँ

तेरी गोद में सोने को हूँ, बेचैन माँ

 

 


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