धड़क... धड़क...
जहाँ घुमाया हवा ने, वहीं चल पड़ी, खुद को भूल, उसके संग हो चली...! जहाँ घुमाया हवा ने, वहीं चल पड़ी, खुद को भूल, उसके संग हो चली...!