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Vaibhav Dwivedi

Others

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Vaibhav Dwivedi

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लगा तुम याद कर रहे !

लगा तुम याद कर रहे !

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आज हमें जब हिचकी आयी,

लगा हमें तुम याद कर रहे।

दौड़कर पहुंचे फोन की ओर,

लगा हमें तुम कॉल कर रहे।


पर ये क्या, ये तो फिर से वहम निकला।

तुम्हें भला हम याद कैसे आते,

चन्द दिनों की ही तो बात थी,

ये तो भूली जा ही सकती,

पर ऐसा हमारे साथ क्यों नहीं?

क्यों तुम दिमाग में घुसे बैठे हो?


अरे जाओ यार अब दिमाग से भी,

जैसे हमारी जिंदगी से चले गए,

या यहां से जाने की कुछ कीमत लगेगी?


आज हमें जब हिचकी आयी,

लगा हमें तुम याद कर रहे।


   


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